Old pension ke bare me
क्या पुरानी पेंशन लागू हो सकती है?
इसके पीछे कई वजह है जिनका विश्लेषण हमे तथ्यात्मक तरीके से करना होगा।
सबसे पहले सरकार पुरानी पेंशन क्यो नही लागू करना चाहेगी।
* पुरानी पेंशन सरकार के करंट एकाउंट खाते को नुकसान पहुचाती है और यह देश की आर्थिक वृद्धि व प्रगति के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
* सरकार एक वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाती है अगर पेंशन पाने वाले लोगो की संख्या बढ़ती जाएगी तो महंगाई भत्ते के लिए पेंशनर हेतु अलग से बड़ा फंड चाहिए होगा जो किसी भी सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है।
* एक रैंक एक पेंशन जिसे की अभी केवल सेना के लिए किया गया था और जिसके लिए सरकार ने एक बड़ा फंड देना पड़ा था और इसी के समान फिर सभी पेंशनर जो अलग अलग मंत्रालयों अथवा विभाग में है मांग करने लगेंगे जिसके लिए सरकार को हज़ारो करोड़ के फंड की आवश्यकता होगी और जो सरकार नही देना चाहेगी।
* आने वाले समय मे जनसंख्या के अनुपात के समकक्ष नॉकरी पेशा लोगो की संख्या में बढ़ोतरी होती जाएगी और पेंशनर की संख्या एक बड़े स्तर पर पहुच जाएगी जिसके लिए पेंशन देना सरकार के लिए मुसीबत बन जायेगा।
* आज एनपीएस का लाखो करोड़ रुपया बाजार के माध्यम से विभिन्न प्रकार की योजनाओं में इस्तेमाल किया जा रहा है अगर पेंशन को लागू किया जाता है तो उस जमा किये गए लाखो करोड़ रुपए की निकासी बाजार के लिए भूचाल खड़ा कर सकती है और जिसका असर विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर भी पड़ सकता है यह सरकार के लिए एक कठिन कदम होगा।
पुरानी पेंशन को लागू करने वाले क्या कारण हो सकते है?
* भारत एक ऐसा देश है जहाँ राजनीति का मूल उद्देश्य देश हित न होकर सत्ता में बने रहने से है यहां सरकारें केवल सत्ता हित से जुड़े फैसले लेने में माहिर मानी जाती है। यहां फैसले वोट बैंक के आधार पर किये जाते है।
* जब सरकारें आरक्षण जैसी विसंगीत व्यवस्था, जिसे केवल भारतीय सविधान द्वारा दस वर्ष के लिए ही मान्य किया गया था, को वोट बैंक के आधार पर अपने हित देखकर आज भी जातियों के आधार पर दे रही है तो पुरानी पेंशन को भी लागू कर सकती है।
* अगर सभी कर्मचारियों द्वारा निरन्तर विरोध नई पेंशन योजना के लिए बना रहेगा और यह एक राजनीतिक मुद्दे में बदल जाये और सरकार को लगे कि यह मुद्दा एक बड़े वोट बैंक जे जुड़ा हुआ है तो सरकार के लिए पुरानी पेंशन लागू करना जरूरी हो जाएगा
अगर हम पिछला इतिहास देखे तो सरकार अपने कर्मचारियों की मांग आसानी से नही मानती है इसका उदाहरण हमे "वन रैंक वन पेंशन" जिसे लागू करने में सरकार को तीन दशक लग गए तो क्या सरकार पुरानी पेंशन लागू करने के लिए ततपरता दिखायेगी।
NPS के लाभ
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